मानसिक बीमारी के लक्षण नहीं पहचान पाते 75 फीसद लोग

भागदौड़ भरी जिंदगी से मानसिक तनाव व अवसाद बढ़ रहा है। डॉक्टर कहते हैं कि हर मानसिक परेशानी बीमारी नहीं होती, लेकिन उसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया गया तो वह गंभीर मानसिक बीमारी में तब्दील सकती है। दिक्कत यह है कि करीब 75 फीसद लोग मानसिक बीमारी के उन शुरुआती लक्षणों को नहीं पहचान पाते हैं। इसलिए वे इलाज या काउंसलिंग के लिए अस्पतालों में नहीं जाते। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर डॉक्टरों ने लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।


डॉक्टर कहते हैं कि मानसिक परेशानी होने पर लोग खामोश न रहें क्योंकि यह खतरनाक साबित होती है और कई लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। मानसिक तनाव व असवाद होने पर लोग समस्याएं परिजन, रिश्तेदार व दोस्तों से साझा करें और जरूरी हो तो डॉक्टरों से परामर्श लें।


एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य हर किसी के लिए जरूरी है। इन दिनों ज्यादातर लोगों को किसी न किसी परेशानी के कारण मानसिक तनाव रहता है, लेकिन जागरूकता के अभाव में 75 फीसद लोग उसके लक्षण नहीं पहचान पाते हैं। व्यवहार व कामकाज के तरीके में बदलाव होना भी मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने का लक्षण है। यदि यह समस्या अधिक समय तक बरकरार रहे तो मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।